दुनिया का एक ऐसा अनोखा मन्दिर , जो हवा में झूलता है



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वैसे तो इस धरती पर जो मठ या मन्दिर बनाये जाते है उनका आधार शिला जमीन पर ही होता है लेकिन चीन के शानसी क्षेत्र में एक मंदिर ऐसा भी है जो सीधी खड़ी पहाड़ी पर निर्मित है और दूर से देखने पर लगता है की मानो वह मंदिर हवा में झूल रहा हो , इसलिए इस मंदिर का नाम भी हवा में खड़ा मंदिर के नाम से जाना जाता है

इस मंदिर को चीन में शुआन खोंग स और अंग्रेजी में हैंगिग टेम्पल कहा जाता है इस मंदिर का निर्माण आज से 15 सौ वर्ष पहले हुआ था यह चीन में सुरक्षित एकमात्र बौद्ध ,ताओ और कन्फ्यूशियस धर्मो की मिश्रित शैली पर बना विचित्र मंदिर है ,यह मन्दिर मुख्य ऐतहासिक और पर्यटकों में प्रसिद्ध है

दूर से देखने पर बहू मंजिला मंदिर का तल्लाधार दस से अधिक पतली लम्बी लकडियो पर खड़ा है ऐसा लगता है कि मानो मंदिर अभी गिर जायेगा यह काफी भयभीत करने वाला नजारा होता है इस मंदिर में छोटे बड़े मिलाकर 40 से अधिक भवन और मंडप है

मंदिर के चारो तरफ की पहाड़ियो की चोटियाँ इसको तेज धुप से भी सुरक्षा करती है कहा जाता है की गर्मियों में महज तीन घंटे तक ही सूरज की रोशनी मंदिर पर पडती है इसी वजह से लकड़ी का यह मंदिर 15 सौ साल पुराना होने के बावजूद आज भी सुरक्षित खड़ा है

इस मंदिर को बनाने के पीछे दो राज है ,पहला यह की पहाड़ी घाटी यातायात का एक प्रमुख मार्ग था वहां से जब बौद्ध भिक्षुक गुजरे तो वो मंदिर में भगवान की आराधना कर सके आयर  दूसरा राज यह है कि पहाड़ी क्षेत्र में अक्सर बाढ़ का खतरा होता है वहां के लोग मानते है कि ड्रेगन ही बाढ़ का प्रकोप मचाता है इस लिए उसको वश में करने के लिए यह मंदिर पहाड़ी पर बनाया गया

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