देश में नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार जन धन खातो में 10 हजार रूपये जमा करवाने का विचार कर रही है केंद्र सरकार ने इस योजना में जनधन के जीरो वैलेंस वाले खातो को प्राथमिकता दे सकती है इस योजना पर कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अमल कर सकती है
प्रधानमंत्री ने जनधन योजना के तहत देश भर में 25 करोड़ खाते खुलवाये गये थे जिसमे 5.8 करोड़ खातो में अब तक कोई भी जमा नही हुआ है अर्थात वे जीरो वैलेंस पर चल रहे है
अगर सरकार यह योजना लाएगी तो इस योजना से सरकार पर 58 हजार करोड़ रूपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा जानकारों की माने तो RBI के खातो में 3 लाख करोड़ रूपये जमा कराने के बाद सरकार कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावो से पहले गरीबो और किसानो को यह सन्देश देना चाहती है की नोटबंदी के फैसले से उनका नुकसान नही बल्कि लाभ है
अगर सरकार इस योजना को सार्वजानिक करती है तो आगे होने वाले चुनावों में यह एक गेम चेंजर साबित हो सकता है कयास लगये जा रहे है की सरकार के नोटबंदी के फैसले से माध्यम और व्यापारी वर्ग का वोट इधर उधर हो सकता है इस लिए सरकार यह कदम उठाकर गरीबो और किसानो को अपनी तरफ करना चाहती है
भाजपा के वरिष्ठ नेताओ का कहना है की मोदी सरकार का मुख्य एजेंडा देश के गरीबो और किसानो को सशक्त बनाना है इन लोगो का मानना है की ग्रामीण इलाको की अर्थव्यवस्था नगदी पर आधारित होती है ऐसे में नोटबंदी पार्टी के लिए नुकसान का सौदा हो सकता है