सियासत की आंच में जल रहा बंगाल , किसी को नही है यहाँ के लोगो की परवाह



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भारत समय के साथ आगे बढ़ रहा है लेकिन इतिहास इसका गवाह रहा है कि भारत के कई टुकड़े हुए है सन 1947 में ही भारत का 33 फीसदी हिस्सा टूट गया था `

लेकिन इतना कुछ होने के बाद जो कुछ भी बचा कूचा भारत है उसकी स्थिति कुछ अच्छी नहीं है इस भारत की स्थति दिन ब दिन दयनीय होती जा रही है सन 1990 में कश्मीर तो अब 2016 में केरल और पश्चिम बंगाल अगर ऐसा चलता रहा तो वो दिन दूर नही जब केरल और पश्चिम बंगाल में भी कश्मीर होंगें

और ये सब हमारी आँखों के सामने होगा और हम इसे कोई भी जतन से रोक भी नहीं पयेंगे क्योकि हम लोग ऐसी बिमारी से ग्रसित है जिसका नाम सेकुलरिज्म है जिसकी कोई दवा नही है बंगाल की तस्वीरों को देख कर यह अंदाजा लगाया जा सकता है की आज के भारत और यहाँ के मूल नागरिक यानि हिंदुओ की स्थति बेहद दयनीय है

पश्चिम बंगाल और कश्मीर के हिंदू इन जिहादी अत्याचारों से पीड़ित हो चुके है लेकिन भारत के अन्य राज्यों के हिंदू जैसे इंदौर के हिंदू , लखनऊ के हिंदू ,दिल्ली के हिंदू आदि राज्यों के हिंदू आराम से मजे काट रहे है और नये साल के जश्न में डूबे हुए है  इनको कोई फर्क नहीं पड़ता क्यों की ये जानते है की ये आग उनके घर की नहीं है

आपको बता दे कि फिलिस्तीन में इजरायल किसी आतंकी को मारता है तो 57 इस्लामिक देश रोने लगते है ,और यहाँ केरल बंगाल और कश्मीर में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है लेकिन ये जो आग देश के कुछ राज्यों में लगी है अगर ऐसे ही चलता रहा तो जल्द ही यह आग आपके दरवाजे तक पहुंच जाएगी

लेकिन ये जो आग देश के कुछ राज्यों में लगी है अगर ऐसे ही चलता रहा तो जल्द ही यह आग आपके दरवाजे तक पहुंच जाएगी