जब Reserve Bank of India (RBI) ने 30 सितंबर 2025 को Maha Ashtami के अवसर पर राष्ट्रीय स्तर पर बैंक बंदी की नोटिस जारी की, तो पूरी देश में ग्राहकों को अपनी वित्तीय योजना दोबारा बनानी पड़ी। यह घोषणा विशेष रूप से त्रिपुरा, असम और पश्चिम बंगाल में चार क्रमिक दिनों (सोम‑गुरु) तक शाखा बंदी का परिणाम बन गई। ऑनलाइन बैंकिंग, मोबाइल एप‑सर्विस और एटीएम के माध्यम से अधिकांश लेन‑देन जारी रहे, लेकिन शाखा‑आधारित चेक क्लियरेंस, नकद निकासी और व्यक्तिगत काउंटर सेवा अस्थायी रूप से ठहर गई।
महा असह्तमी और बैंक छुट्टियों की पृष्ठभूमि
नवरात्रि का प्रमुख दिन Durga Ashtamiविविध भारतीय राज्य — जिसे आम तौर पर Maha Ashtami कहा जाता है — का धार्मिक महत्व बहुत गहरा है। इस दिन लोग माँ दुर्गा के पूजन में संलग्न रहते हैं और कई सार्वजनिक संस्थाएँ, विशेषकर बैंक, इस पारम्परिक उत्सव को मानते हुए बंदी रखती हैं। इतिहास में यह देखा गया है कि प्रमुख आर्थिक संस्थाएँ स्थानीय संस्कृति के साथ तालमेल बनाने के लिए कभी‑कभी राष्ट्रीय स्तर पर भी छुट्टियों को अपनाती हैं।
2025‑2026 के बैंक कैलेंडर में क्या है?
हर साल Reserve Bank of India एक विस्तृत “Bank Holiday Calendar” प्रकाशित करता है, जिसमें राष्ट्रीय और राज्य‑विशिष्ट दोनों प्रकार की छुट्टियों की सूची होती है। 2025‑2026 के कैलेंडर में मुख्य राष्ट्रीय अवकाशों में शामिल हैं:
- 26 जनवरी – गणतंत्र दिवस
- 15 अगस्त – स्वतंत्रता दिवस
- 2 अक्टूबर – Mahatma Gandhi Jayanti, साथ ही डसर‑पंक्तियों के साथ डसरा/विजय दशमी
- 30 सितंबर – Maha Ashtami
- 1 अक्टूबर – Maha Navami
इन राष्ट्रीय अवकाशों के अतिरिक्त, विभिन्न राज्यों में अतिरिक्त दो‑चार दिनों की समुचित बंदी रहती है, जिससे कुल मिलाकर 29 सितंबर से 5 अक्टूबर तक कई सार्वजनिक एवं धार्मिक कार्यक्रम एक साथ धूमधाम से मनाए जाते हैं।
मुख्य राज्यों में शाखा बंदी की अवधि
त्रिपुरा, असम और पश्चिम बंगाल में पिछले सप्ताह बैंक शाखाओं ने चार लगातार दिनों (सोम‑गुरु) तक कार्य नहीं किया। इस दौरान HDFC Bank ने विशेष रूप से अपने कैलेंडर में कहा कि 30 सितंबर को Durga Puja (Maha Ashtami), 1 अक्टूबर को Durga Puja (Maha Navami) और 2 अक्टूबर को Mahatma Gandhi Jayanti राष्ट्रीय स्तर पर अवकाश रहेगा। इसी तरह अन्य निजी व सार्वजनिक बैंकों ने भी समन्वित रूप से छुट्टी की घोषणा की।
डिजिटल बैंकिंग पर असर
भौतिक शाखाओं के बंद होने के बावजूद, ऑनलाइन बैंकिंग इकोसिस्टम ने अपनी स्थिरता साबित की। अधिकांश ग्राहकों ने इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल एप्लिकेशन, यूपीआई और एटीएम‑नेटवर्क के माध्यम से लेन‑देन जारी रखा। उदाहरण के तौर पर, RBI ने बताया कि 30 सितंबर से 2 अक्टूबर तक डिजिटल लेन‑देन में 12‑15 % की बढ़ोतरी देखी गई, जबकि मौद्रिक प्रवाह में कोई असामान्य गिरावट नहीं रही। यह प्रवृत्ति इस ओर इशारा करती है कि भविष्य में बैंक शाखा बंदी के दौरान डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर भरोसा और भी बढ़ेगा।
भविष्य में संभावित परिवर्तन
जबकि रिवर्सी‑ट्रेडिंग और ग्राहक‑केंद्रित मॉडल पर ज़ोर बढ़ रहा है, कई विशेषज्ञों का मानना है कि बैंक छुट्टियों की योजना अब सिर्फ़ परम्परा नहीं, बल्कि सेवा‑सततता के एक पहलू के रूप में भी देखी जाएगी। सुझाव दिया जा रहा है कि RBI और प्रमुख बैंकों को भविष्य में अधिक लचीला “हाइब्रिड‑हॉलिडे” मॉडल अपनाना चाहिए, जिसमें शाखा‑बंदी के दौरान विशेष एटीएम या डिजिटल लैब असिस्टेंस प्रदान की जाए। इस दिशा में कदम उठाने से ग्राहक संतुष्टि में उल्लेखनीय सुधार की संभावना है।

Frequently Asked Questions
Maha Ashtami के दौरान एटीएम का उपयोग किया जा सकता है?
हां, अधिकांश बैंकों ने एटीएम संचालन को जारी रखा। हालांकि कुछ दूरदराज़ क्षेत्रों में सेवा में थोड़ी‑बहुत देरी हो सकती है, लेकिन कुल मिलाकर नकद निकासी संभव थी।
कौन से राज्य में चार दिन की निरंतर बंदी रही?
त्रिपुरा, असम और पश्चिम बंगाल ने 29 सितंबर से 2 अक्टूबर तक लगातार चार दिन शाखा बंदी रखी, जिसके कारण इन क्षेत्रों में नकद लेन‑देन पर अतिरिक्त योजना बनानी पड़ी।
ऑनलाइन बैंकिंग सेवाएं कैसे जारी रहती हैं?
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म स्वायत्त सर्वरों पर चलता है, इसलिए सार्वजनिक छुट्टियों से इसकी कार्यक्षमता प्रभावित नहीं होती। ग्राहक फंड ट्रांसफ़र, नई खाता खोलना, मोबाइल चेक‑डिपॉज़िट आदि सेवाओं का उपयोग बिना किसी बाधा के कर सकते हैं।
RBI की छुट्टी सूची कब जारी होती है?
आमतौर पर RBI हर वर्ष के मार्च में अगले वित्तीय वर्ष की आधिकारिक छुट्टी कैलेंडर प्रकाशित करता है, जिससे बैंकों और ग्राहकों को अग्रिम योजना बनाने का समय मिल जाता है।
ग्राहकों को इन छुट्टियों में कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए?
बैंक शाखा बंद होने से पहले नकद निकासी, चेक क्लियरेंस और महत्वपूर्ण दस्तावेज़ी कार्यों को पूरा करना और डिजिटल लेन‑देन हेतु पर्याप्त बैलेंस सुनिश्चित करना उचित रहता है। साथ ही, बैंक द्वारा जारी एटीएम तथा मोबाइल ऐप अपडेट की जानकारी पर नजर रखें।