भारत के सुप्रीम कोर्ट में केसेस की आवंटन प्रक्रिया कैसी है?
भारत के सुप्रीम कोर्ट में केसेस की आवंटन प्रक्रिया बहुत ही कठिन और सम्पूर्ण है। यह प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करती है। आवंटन प्रक्रिया में, प्रथम स्टेप में, कोर्ट नेट में दिए गए भारतीय दण्ड अधिनियमों के अनुसार दर्ज किए गए मामलों को छानने के लिए अधिकारी नियुक्त करते हैं। उन्हें दोनों प्रकार के मामलों को आवंटित करने के लिए निर्देशित किए गए हैं: शिकायत और प्रतिक्रिया। उन्हें आवंटित किए गए मामलों को कोर्ट नेट के अनुसार कोर्ट में आवंटित किया जाता है।भारत के सुप्रीम कोर्ट में केसेस के आवंटन के लिए क्या-क्या दस्तावेजों की आवश्यकता होती है?
भारत के सुप्रीम कोर्ट में केसेस के आवंटन के लिए विभिन्न दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं:• केस की समीक्षा: यह प्रारंभिक दस्तावेज होती है जिसमें दोषी पक्ष और विधिक दस्तावेज प्रस्तुत किए जाते हैं।
• दस्तावेज: यह दस्तावेज प्रयास किए जाते हैं ताकि प्रयासक को कानूनी तौर पर केस की तरफ से निर्भरता दे सके।
• विधिक दस्तावेज: यह दस्तावेज संसदों द्वारा प्रस्तुत किए गए अधिनियमों और नियमों का आधार होता है।
• प्रमाण दस्तावेज: इन दस्तावेजों में प्रमाणित किये गए सिद्धांतों और अधिकारों के आधार पर केस का आरोप लगाया जाता है।
• आदेश: यह आदेश केस के आवंटन और सुनवाई के लिए प्राप्त किया जाता है।
ये सभी दस्तावेज भारत के सुप्रीम कोर्ट में केसेस के आवंटन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।