पर्यटन क्षेत्र में मिल रहे रिसपॉन्स से उत्साहित भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम आईआरसीटीसी अब कश्मीर घाटी और आंध्र प्रदेश में अरकू घाटी में कांच की छत वाले कोच की ट्रेन चलाने की तैयारी में लगा हुआ है ऐसी उम्मीद है की इस तरह की ट्रेने दिसम्बर तक पटरियों पर उतार दी जाएंगी बताया जा रहा है की इन कोचों को आईआरसीटीसी अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ), और इंटीग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) पेरम्बूर (चेन्नई) ने डिजाइन किया है
आईआरसीटीसी के सीएमडी डॉ. ए. के. मनोचा के मुताबिक ‘इस तरह के तीन कोचों को इस साल के अंत तक आईसीएफ पेरम्बूर में तैयार कर लिया जाएगा पहली कोच को कश्मीर घाटी में एक रेगुलर ट्रेन में लगाया जाएगा जबकि अन्य दो कोचों को दक्षिण-पूर्वी रेलवे पर अरकू घाटी के.के.लाइन वाल्टेयर स्टेशन जाने वाली कुछ ट्रेन में जोड़ा जाएगा उन्होंने कहा की ऊपर का नजारा दिखाने वाली ऐसी आलीशान कोचों वाली ट्रेन के बारे में बाद में फैसला किया जाएगा भारत में अपनी तरह के इन ख़ास कोचों को आईसीएफ पेरम्बूर में निर्मित किया जा रहा है
प्रत्येक कोच को बनाने की लगत करीब साढ़े चार करोड़ रुपये है यात्रियों को कोच में आंशिक रूप से शीशे की छत से बाहर का द्रश्य प्रदान करने के लिए घुमावदार कुर्सियां लगाईं गई हैं जिससे यह अति शानदार हो जाएगा इसके अलावा कोच में पैर को फैलाने के लिए पर्याप्त जगह होगी और पर्यटकों के लाभ के लिए आधुनिक सूचना एवं मनोरंजन प्रणाली से सुसज्जित होगी
डॉ. मनोचा कहते हैं कि इस तरह के कोच का मूल उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना और भारत और विदेशी दोनों जगहों से संपन्न टूरिस्ट को आकर्षित करना है स्विट्जरलैंड जैसे देशों में शीशे की छत वाली कुछ ट्रेने हैं जिनमें टूरिस्ट यात्रा का आनंद लेते हैं हमारा मानना है की इस तरह के कोच भारत में रेल पर्यटन को बढ़ावा देंगें उन्होंने कहा इस परियोजना पर कार्य कोच डिज़ाइन पर बैठकों के साथ 2015 में ही शुरू हो गया था इस तरह का पहला कोच इस महीने यात्रा के लिये तैयार है