अखिलेश की चली मुलायम के एक दर्जन नामों पर तलवार, हैरान है सब इनके टिकिट पर चलेगी तलवार



Share on Facebook
Tweet on Twitter

Get Mobile App For Latest News In Mobile

 

आयोग के इस एलान के बाद से मुलायम-शिवपाल गुट के कुछ नेता परेशान हैं। इन्हें असेंबली इलेक्शन में पार्टी टिकट कटने का डर सता रहा है। हम आपको ऐसे ही नेताओं के बारे में बताने जा रहा है। जिनकी संख्या एक दर्जन से ज्यादा है। 

इनके टिकिट पर चलेगी तलवार

1. अतीक अहमद-कानपुर कैंट से टिकट पाए अतीक अहमद सबसे ज्यादा परेशान हैं। अखिलेश पहले अतीक अहमद के नाम पर एतराज जता चुके हैं। बीच में अखिलेश-मुलायम में सुलह की खबर आई तब अतीक ने कहा था, “अगर कहीं से मैं वजह बनता हूं तो मैं रास्ते से हट जाऊंगा। मैं पहले भी निर्दलीय जीत चुका हूं।”

2.आशीष यादव –एटा सदर विधान सभा से विधायक आशीष यादव ने सपा नेता रामगोपाल के खिलाफ अपशब्द बोले थे उन्हें दलाल की संज्ञा भी दी थी। आशीष यादव के पिता एमएलसी रमेश बाबू यादव सभापति विधानपरिषद है और नेताजी के बहुत करीबी है। उनकी जगह अखिलेश की सूची में रामगोपाल के नजदीकी जुगेंद्र यादव को टिकिट दी गई है उनोहने पर्चा भी फ़ाइल कर दिया।

3.अमनमणि त्रिपाठी-पत्नी सारा की हत्या के आरोपी अमनमणि का नौतनवा से टिकट भी कट सकता है। अमनमणि के खिलाफ सारा हत्याकांड में सीबीआई जांच चल रही है। अमनमणि सपा से मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी के बेटे हैं। अमरमणि कवियित्री मधुमिता हत्याकांड मामले में जेल में बंद हैं।

4.नजीबा जीनत खान -कासगंज जिले की पटियाली विधानसभा से विधायक नजीबा जिनत खान की टिकिट भी खतरे में है। शिवपाल की सूची में जीनत की बेटी नासी खान को टिकिट मिला है जबकि अखिलेश की सूची में जिलाध्यक्ष कासगंज और पूर्व सांसद देवेंद्र यादव की बेटी किरन यादव को टिकिट दिया गया है। इस समय उनका प्रचार पुरे जोरोखरोस पर है।

5.मैनपाल सिंह-शिवपाल यादव ने मेरठ की सरधना सीट से मैनपाल सिंह उर्फ पिंटू राणा को टिकट दिया था। इसी सीट से अखिलेश ने अपने करीबी अतुल प्रधान को टिकट दिया है। अब जबकि सपा अखिलेश की है तो मेरठ से अतुल प्रधान को टिकट मिलना तय माना जा रहा है। अब इस सीट से मैनपाल सिंह को टिकट मिलने की उम्मीद नहीं है।

6. राकेश वर्मा-मुलायम के पुराने साथी बेनी प्रसाद वर्मा भी इस सुलह से परेशान हो सकते हैं। दरअसल, शिवपाल ने बाराबंकी के रामनगर से अखिलेश के करीबी मंत्री अरविंद सिंह गोप का टिकट काटकर बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा को टिकट दिया था। ऐसे में अब राकेश वर्मा का टिकट भी कट सकता है।

7. नीरज सिंह गुड्डू-शिवपाल ने बलिया के बांसडीह से रामगोविंद चौधरी की जगह नीरज सिंह गुड्डू को टिकट दिया गया था। रामगोविंद मुलायम और अखिलेश दोनों के करीबी हैं। टिकट कटने से दुखी रामगोविंद अखिलेश के सामने भावुक भी हो गए थे।अब रामगोविंद सिंह के चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं।

8. अम्बिका चौधरी-यादव परिवार के विवाद में बर्खास्त मंत्री अम्बिका चौधरी शुरू से शिवपाल के साथ खड़े रहे हैं। 2012 चुनाव में सपा बहुमत में आई, लेकिन चौधरी हार गए। फिर भी बलिया की फेफना सीट से शिवपाल ने उन्हें इस बार टिकट दे दिया। इसके जवाब में अखिलेश ने इस सीट से संग्राम सिंह को उतार दिया। अब अम्बिका चौधरी को भी टिकट कटने का डर है। उनकी जगह संग्राम सिंह को टिकट दिया जा सकता है।

9. सिबगतुल्लाह अंसारी-सपा में मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के शामिल होने के बाद से ही विवाद शुरू हुआ था।अखिलेश नहीं चाहते थे कि कौमी एकता दल सपा में शामिल हो। शिवपाल ने अखिलेश की नाराजगी को दरकिनार करते हुए मुख्तार के भाई सिबगतुल्लाह अंसारी को गाजीपुर के मोहम्मदाबाद से टिकट दिया। अखिलेश ने इस सीट से अभी दूसरा कैंडिडेट डिक्लेयर नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि सपा से नई लिस्ट जारी हुई तो सिबगतुल्लाह का टिकट काटा जाएगा।

10. गायत्री प्रसाद-मुलायम के खास गायत्री प्रजापति को शिवपाल यादव ने अमेठी से टिकट दिया है। जबकि अखिलेश द्वारा जारी 235 की लिस्ट में गायत्री का नाम नहीं है। संभव है अखिलेश अपनी लिस्ट में गायत्री का टिकट काट दें।

11. सोवरन सिंह-14 जनवरी को शिवपाल ने मैनपुरी की करहल सीट पर सपा के सिटिंग विधायक सोवरन सिंह को टिकट दिया था। अखिलेश अपनी 235 कैंडिडेट वाली लिस्ट में यादव परिवार के ही अंशुल यादव को टिकट दे चुके थे।अब इस सीट से अंशुल का चुनाल लड़ना तय माना जा रहा है।

12. रामपाल यादव-अवैध निर्माण कराने के लिए अखिलेश ने इन्हें सपा से बाहर कर दिया था। लेकिन, शिवपाल ने 11 महीने बाद इनकी वापसी कराते हुए सीतापुर की बिसवां सीट से टिकट दे दिया। संभव है कि अखिलेश इन्हें टिकट नहीं दें। हालांकि इस सीट से कोई कैंडिडेट डिक्लेयर नहीं किया गया है।

comments