भारत देश का पानी पीकर उसी के खिलाफ जहर उगला रहा पाकिस्तान अब बूंद बूंद पानी के लिए तरस जायेगा मोदी सरकार ने सिन्धु जल समझौते पर विचार करने की कवायद तेज कर दी है
भारत ने एक बार फिर सिन्धु जल समझौते को लेकर भारत विचार करने लगा है इस मामले में उच्च स्तरीय टास्क फ़ोर्स की बैठक आयोजित हुई इस चर्चा की मिली जानकारी के अनुसार पंजाब और कश्मीर में सिन्धु नदी पर बनने वाले बांध के काम को जल्दी पूरा करने की बात कही गयी है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुख्य सचिव निपेंद्र मिश्रा ने बैठक की अध्यक्षता की बैठक की मिली जानकारी के मुताबिक इस प्रोजेक्ट में सिधु झेलम और चिनाब नदी के पानी के उपयोग के लिए जलाशयों और नहरों के निर्माण कार्य को तेज करने की बात पर जोर दिया गया है दरअसल सिन्धु नदी की पूर्वी सहायक नदियों सतलुज ,रावी व व्यास नदी पर संभावित असर दिखाया गया है
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने बताया की और किसी देश ने कश्मीर के मुद्दे पर कोई बात नहीं की लेकिन नवाज शरीफ के बयान का 80 फीसदी भाग इसी पर केन्द्रित रखा स्वरुप ने कहा की और सभी देश अपने बयान में आतंकवाद की निंदा कर रहे है और इसे विश्व शांति के बड़ा खतरा मान रहे है लेकिन पाक अब यह मानने को राजी नही है
भारत और पाकिस्तान के बीच सिन्धु जल समझौता सन 1960 में हुआ था तो दूसरी ओर रावी , व्यास और सतलज नदी का जल भारत के हिस्से में आ गया पर पाकिस्तान को चिनाब ,सिन्धु और झेलम नदी का 80 फीसदी पानी दिए जाने पर करार हुआ लेकिन अब पाक द्वारा लगातार सीमा पर संघर्ष विराम का उलंघन किया जा रहा है और पाकिस्तान भारत के खिलाफ अपनी जमीन का प्रयोग आतंकवाद के लिया करना बंद नही कर रहा है ऐसे में भारत ने सिधु जल समझौते को ख़त्म करने का निर्णय