भारतीय मीडिया की विकास की अभी तक की प्रॉब्लम्स
भारतीय मीडिया को अपनी व्यापकता और उत्पादन क्षमता के लिए कई सालों से अपने आधुनिक व्यवस्था के अंत तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, इसके लिए भी हमें अभी तक कुछ प्रॉब्लम्स का सामना करना होता है।
प्रथम और सबसे महत्वपूर्ण प्रॉब्लम है इसकी आवश्यकता। भारतीय मीडिया के अंतर्गत विभिन्न विषयों पर जानकारी प्राप्त करने के लिए, अधिकांश लोग अभी भी प्राचीन तरीकों का उपयोग करते हैं। जैसे कि न्यूज़पेपर। यह एक अत्यधिक आवश्यक वस्तु है, लेकिन यह एक अत्यधिक अत्यधिक प्रशासनिक प्रक्रिया है, जो समय और संपत्ति को बहुत ज्यादा खर्च करती है।
दूसरा बड़ा प्रॉब्लम है अस्तित्व। भारतीय मीडिया के प्रसिद्ध व्यक्तियों को अपने कार्य में नहीं रहने के कारण अभी तक अस्तित्व की समस्या है। आधुनिक मीडिया के अंतर्गत जानकारी के विविध विषयों पर प्रतिबिंबित करने के लिए अधिकांश लोगों को भारतीय मीडिया से मदद नहीं मिलती है।
हैं।आज के दौर में, वैज्ञानिक और तकनीकी निम्नानुसार उपलब्ध हैं:
- कोर्सों और शैक्षिक प्रोग्रामों में समाचार और सूचना के बिना रुचि को रोके रखना
- निर्धारित विषयों पर अधिकारिक नियंत्रण और प्रणाली के रूप में व्याप्त होना
- अतिरिक्त प्रतिक्रिया और छविशीलता को स्वीकार न करना
- अस्पष्ट और अस्थिर मीडिया के उपयोग के रूप में मीडिया को नियंत्रित करना
- धर्म, राष्ट्रवाद और व्यवस्थापक के द्वारा देश के लोगों को विभिन्न अवधारणाओं में विभाजित करना
भारतीय मीडिया के साथ अधिकारियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध की समस्या: भारतीय मीडिया के लिए सबसे गंभीर समस्या अधिकारियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की है। ये प्रतिबंध प्रतिशत रूप से स्पष्ट रूप से प्रेस को मूकने और उनके आर्थिक अधिकारों को कम करने के लिए लगाए गए हैं। ये प्रतिबंध मीडिया को अपने स्वामीत्व का अधिकार से वंचित कर देते हैं।
निर्यात और सामान्य सुविधाओं की असुविधाएं: भारतीय मीडिया के लिए दूसरी रूप से समस्या निर्यात और सामान्य सुविधाओं की असुविधा है। यह मीडिया संसाधनों का उपयोग करने के लिए आवश्यक हैं, लेकिन अधिकारियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण उन्हें उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है। इससे मीडिया संसाधनों को उपयोग करने में असुविधा होती है। आम हैं। ऐसी समस्याएं भारतीय मीडिया को अपने समाज और राजनैतिक तत्वों के विरुद्ध उत्पन्न करने में मदद करती हैं। विविध राजनैतिक तत्वों ने भारतीय मीडिया में प्रभाव डालने के लिए अपनी आवाज को सुनाई है। राजनैतिक प्रभाव और नियंत्रण के कारण भारतीय मीडिया के साथ संघर्ष है। हैं। सुरक्षा के साथ काम करने में मुश्किल हो रहा है क्योंकि उपयोगकर्ताओं को अपने डाटा को सुरक्षित रखने के लिए सही तरीके से कोडिंग सिखना पड़ता है। यह भी समस्या है कि हमारे देश में वर्तमान में मीडिया को कन्ट्रोल करने के लिए अतिरिक्त प्रतिबंधों को लागू किया गया है। यह इस प्रकार से लोगों को उनके मनचाहे विचारों को अस्वीकार करने में मदद करता है।
अन्य समस्या है कि भारतीय मीडिया में आर्थिक और सामाजिक अंतर्वित्त के कारणों से परिवर्तन की जगह नहीं देखते हैं। यह उन लोगों को बहुत कम प्रभावी बनाता है जो खबरों से संबंधित हैं। उन्हें भरोसा नहीं होता है कि उनके अनुभवों को सुना गया है या नहीं।
समाचार में सत्यता की समस्या भी है। कई बार, न्यूज अख़बारों में असत्य खबरें प्रकाशित की जाती हैं और यह उन लोगों को भ्रष्ट करता है जिन्होंने अधिकारिक सूचना का उपयोग किया है। इसके कारण, अधिकारिक आधिकारिक सूचना प्राप्त करने से पहले, उपयोगकर्ता सत्य की जाँच करने के लिए अपने स्रोतों की सत्यता की जाँच करते हैं।
यह यह समझना है कि भारतीय मीडिया में कई समस्याएं हैं जो कोई न कोई रूप में हल होना चाहिए।