पाकिस्तान में निवेश करना चीन को पड़ा महंगा , भारत से की मदद मांग



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चीन का भारत के खिलाफ चली गयी चाल चीन पर ही भारी पड़ रही है ,चीन ने भारत के खिलाफ कंगाल पाकिस्तान को मजबूत करने का फैसला अब चीन पर ही भारी पड़ रहा है

जहाँ पाकिस्तान का हर साल निर्यात में तेजी से गिरावट हो रही है और निर्यात पर खर्च 23 फीसदी बढ़ गये है ,वही चीन की विकास दर में पिछले 26 सालो में पहली बार सबसे निचले स्तर पर पहुंच गयी है ,इस अब को देखते हुए चीन के अर्थशास्त्रियों ने भी चीन को सतर्क रहने को कहा है

इसी सिलसिले में सोमवार को चीन ने भारत से अपील की है की वो चीन पाकिस्तान औद्योगिक गलियारे का हिस्सा बने ,चीन के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि ,चीन ने अकेले पाकिस्तान में 54 बिलियन डॉलर का निवेश करके शी जिंगपिंग ने चीन की विकास के रस्ते में संकट पैदा कर दिया है ,पाकिस्तान के हालत इतने अच्छे नही की वो ये धन वापस कर सके

पकिस्तान के पास ना तो अपने उद्योग धंधे है और ना ही उत्पाद और जो कुछ है भी उसका निर्यात लगातार कम हो रहा है ,इसके अलावा सबसे बड़ी समस्या चीन पाक इकोनॉमिक कोरिडोर और पाक में काम कर रहे चीनी नागरिको की सलामती है

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